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Friday 22 December 2017

अनुच्छेद 24 :- कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध

अनुच्छेद 24 में कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध है। इसके अन्तर्गत बालश्रम के निषेध की घोषणा की गई है, जो इस प्रकार है......

"चौदह वर्ष से कम आयु के किसी बालक को किसी कारखाने या खान में काम करने के लिए नियोजित नहीं किया जायेगा या किसी अन्य परिसंकटमय नियोजन में नहीं लगाया जायेगा।"

अर्थात इसके अनुसार कारखानों या खानों में या ऐसे ही किन्हीं संकटपूर्ण कार्यों में चौदह वर्ष से कम आयु के बालक को लगाये जाने पर प्रतिबंधित किया गया है।

उच्चतम न्यायालय ने एक मामले में कहा है कि अनुच्छेद स्वयं ही संविधान जैसी सर्वोच्च विधि का अंग होने के कारण बालश्रम के निषेध सम्बन्धी किसी विद्यमान विधि के आभाव में भी न्यायपालिका द्वारा इसका क्रियान्वयन किया जा सकेगा। इसके माध्यम से बालकों को सुरक्षा एवं संरक्षा प्रदान की गयी है।

राज्य ने समय - समय पर बाल मजदूरी की रोक के लिये न सिर्फ कानून बनाये बल्कि श्रम आयोग का गठन भी किया गया। समाजसेवी संगठनों, बंधुआ मजदूर मुक्ति संगठनों ने बालकों के ऐसे शोषण को रोकने के लिए न्यायालय में जनहित याचिकाएं दाखिल कर उन्हें न्याय दिलाया।

पीपुल्स यूनियन फार डेमोक्रेटिक  बनाम  भारत संघ के वाद में कहा गया है कि भवन निर्माण कार्य में चौदह वर्ष के बच्चों को नहीं लगाया जा सकता क्योंकि वह भी एक जोखिम वाला कार्य है।

एम्• सी• मेहता बनाम  भारत संघ के मामले में उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि 14 वर्ष से कम आयु के बालकों को किसी कारखाने, खान या संकटपूर्ण कार्यों में नहीँ लगाया जा सकता। न्यायालय ने बालकों के कल्याण के लिए बनाई गई विभिन्न विधियों के क्रियान्वयन के लिए सरकार को विस्तृत दिशा निर्देश भी जारी किये।

अनुच्छेद 23 - 24 में शोषण के विरुद्ध जो अधिकार भारतीय नागरिकों और अनागरिकों को दिए गये हैं उनके बारे में विस्तृत जानकारी हम लोगों ने प्राप्त की। अगले article में हम भारतीय संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार में दिये गए अधिकारों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।


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